ईद का चाँद रोशन है,
आसमान की गोद में
वो मुस्कुरा रहा है
चमका के सितारे और
मेरी पलकें नम है,होंठों
पे हंसी सज़ा रखी है
सब है यहाँ पास मेरे लेकिन,
सब है यहाँ पास मेरे लेकिन,
मेरी चांदनी तन्हा है,
बहुत दूर मेरे आँचल से
औ' ईद का चाँद रोशन है........
अभी बढ़ेगी चमक उसकी
और फिर मेरा घर ही नहीं
पूरी दुनिया रोशन होगी
मेरी छोटी सी किरण बढ़ेगी
औ' चाँद बनके चमकेगी पर,
अभी वक़्त बहुत है बाकि
तब तलक दूर कहीं
मेरी चांदनी है तन्हा
बहुत दूर मेरे आँचल से
और ईद का चाँद रोशन है.........