जो बातें दिल में रहती हैं
लबों पर आ नहीं पाती
कसक उनकी, चुभन उनकी
हर पल क्यूँ सताती है...
बहुत हमदर्द हैं मेरे
बहुत वो प्यार करते है
मगर हर इक ग़िरह दिल
की यूँही खुल नहीं जाती...
वो कहते है हमें पागल
चलो हम मान लेते हैं
सच है ये दुनियादारी
समझ में ही नहीं आती...(आशा)
लबों पर आ नहीं पाती
कसक उनकी, चुभन उनकी
हर पल क्यूँ सताती है...
बहुत हमदर्द हैं मेरे
बहुत वो प्यार करते है
मगर हर इक ग़िरह दिल
की यूँही खुल नहीं जाती...
वो कहते है हमें पागल
चलो हम मान लेते हैं
सच है ये दुनियादारी
समझ में ही नहीं आती...(आशा)
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