क्या कहुँ तेरे लिए,
मेरी आँख का तू नूर है
सबसे ज़्यादा तुझ को चाहूँ
दिल का ये क़सूर है
रूठ जाना तेरी फ़ितरत,
तुझको मनाना मेरा शग़ल
तेरी एक छोटी सी हँसी
मेरे दिल का है सक़ून
तू मेरे आँचल का मोती
दिल का कोहिनूर है......(आशा)
खुद में मस्त हूँ,मलँग हूँ मैं मुझको बहुत पसंद हूँ बनावट से बहुत दूर हूँ सूफियाना सी तबियत है रेशम में ज्यूँ पैबंद हूँ... ये दिल मचलता है क...
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