जानते हो तुम जब भी रूठ जाते हो
उस वक़्त मेरा क्या हाल होता है
साँस चलती है पर,जीते जी मर जाती हूँ
पर सच कहो क्या तुम को करार होता है.
दम सा घुटता है, हर पल बेक़रार रहती हूँ
तुमको भी तो अज़ब सा खुमार होता है
सारी कोशिशे होती है तुम्हे मानाने की
तुम को भी तो इसका ही इंतजार होता है
रात को जो नींद मेरी उड़ाती है तो
सपनो पे तुम्हारे भी तो वार होता है
मौन की कैद में गर मै छटपटाती हूँ
मूक उस वक़्त तुम्हारा भी तो संसार होता है
तेरी हलकी सी हंसी से मै खिल उठती हूँ
मेरे मुस्कुराने का तुम्हे भी तो इंतजार होता है
जब जानते हो सब तो रुठते क्यूँ हो?????
लोग कहते है की ये ही तो प्यार होता है…