शनिवार, 2 सितंबर 2017

तू तो ऐसा न था.....

ख्वाबों पे तेरे हक हमेशा मानते रहे
तू नींदों से भाग जाने लगा,तू तो ऐसा न था..
तेरे ख्याल से रोशन रहती है जिंदगी
तू चिराग खुद बुझाने लगा,तू तो ऐसा न था...
जी लेते हम ये सोच के,तू हमकदम तो है
तू मुड़ के दूर जाने लगा,तू तो ऐसा न था.....
रूठा नहीं है, मायूस है ये जानती हूँ मैं
पर आँख भी चुराने लगा, तू तो ऐसा न था.....
एक बार कह के देख,तेरे जानिब न आयेंगे
पर बात कब से बनाने लगा,तू तो ऐसा न था...
दिल तेरा दुखा है,कसक मुझ को भी हुयी है
पर अश्क भी छुपाने लगा,तू तो ऐसा न था..(आशा)

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