कुछ कहना चाहते पर सुनते नहीं वो बात
हम दिल की कह रहे वो है जाने किस ख़्याल में
आँखे तरस गयी मेरी के उनको देख लूँ
उनको नहीं परवाह के हम है किस हाल में
सवालों ने हम को घेरा है इस कदर ऐ दोस्त
के जिंदगी निकल गयी जवाबो की तलाश में
साँसे हमारी डूब रही है फ़िक्र में उनकी
वो मस्त है कहीं दूर दुनियादारी के बवाल में
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