सम्भावनाये तलाशती है राहे,
सफल होने की चाहे…
कीमत कोई भी हो चलेगी
पर सफलता तो मिलेगी…
भागती सड़के पथरीली निगाहे
भीढ़ के बीच पिसती चाहे…
सफल होने की चाहे…
कीमत कोई भी हो चलेगी
पर सफलता तो मिलेगी…
भागती सड़के पथरीली निगाहे
भीढ़ के बीच पिसती चाहे…
बंद दरवाजों से झांकती
साथ किसी का मांगती
पिंजरे के पंछी की आहे
बेबस बचपन की मासूम निगाहें…
साथ किसी का मांगती
पिंजरे के पंछी की आहे
बेबस बचपन की मासूम निगाहें…
संसार का सूनापन झेलते
अपना बुढापा ठेलते
अकेलेपन का दंश झेलते
जी रहे दो बूढे शरीर
सूनी है उनकी निगाहे
कौन सुनेगा उनकी आहे…
अपना बुढापा ठेलते
अकेलेपन का दंश झेलते
जी रहे दो बूढे शरीर
सूनी है उनकी निगाहे
कौन सुनेगा उनकी आहे…
मोहब्बत का नहीं है वक़्त
दौलत की हवस तारी है
जरुरत नहीं महबूब की
बस सिक्कों से यारी है
सूना है दिल, सूनी है बाहे
जाने क्या ढूंढती निगाहे
दौलत की हवस तारी है
जरुरत नहीं महबूब की
बस सिक्कों से यारी है
सूना है दिल, सूनी है बाहे
जाने क्या ढूंढती निगाहे
भटकता बचपन ढूंढता है
सकूं नशे के सीने में,
माँ बाप तलाश रहे
वैभव खून पसीने में
टूटा घर बिखरते रिश्ते
घुटती सांसे,दम तोड़ती आशाये
अंत फिर भी वही
सम्भावनाये तलाशती है राहे,
सफल होने की चाहे…
सकूं नशे के सीने में,
माँ बाप तलाश रहे
वैभव खून पसीने में
टूटा घर बिखरते रिश्ते
घुटती सांसे,दम तोड़ती आशाये
अंत फिर भी वही
सम्भावनाये तलाशती है राहे,
सफल होने की चाहे…
kya baat hai.......pooora falsfa hai is poem main
जवाब देंहटाएंshukriya
भटकता बचपन ढूंढता है
जवाब देंहटाएंसकूं नशे के सीने में,
माँ बाप तलाश रहे
वैभव खून पसीने में
टूटा घर बिखरते रिश्ते
घुटती सांसे,दम तोड़ती आशाये
अंत फिर भी वही
सम्भावनाये तलाशती है राहे,
सफल होने की चाहे…...
बहुत ही मार्मिक, सुन्दर और भावपूर्ण कविता...
हार्दिक बधाई।
सधा हुआ ..बहुत गहरी बात ..
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