गुरुवार, 1 सितंबर 2011

मौन....

अभिव्यक्त कर देना स्वयं को 
कब इतना सरल हुआ है....
फिर इतना रुचिकर भी तो नहीं है
ये विषय....इसलिए 
मौन ही श्रेयकर साधन है
स्वयं की अभिव्यक्ति का
तुमसे स्नेह करने वाले 
मौन को पढ़ लेंगे खुद ही
और बाकि बिना कोई अपवाद
चुपचाप आगे निकल जायेंगे....

--
ASHA

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सच कहा है. मौन की भी अपनी भाषा होती है और जो समझना चाहे वह ज़रूर समझ जाता है..बहुत सुन्दर

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  2. अभिव्यक्ति का आपका यह अंदाज़ बहुत खूबसूरत है।
    शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  3. मौन ही श्रेयकर साधन है
    स्वयं की अभिव्यक्ति का
    तुमसे स्नेह करने वाले
    मौन को पढ़ लेंगे खुद ही
    और बाकि बिना कोई अपवाद
    चुपचाप आगे निकल जायेंगे....

    बेशक ..सागर में गागर
    कमाल कर दिया ..क्या लिखा है चंद पंक्तियों में या यूँ कहो की जैसे मेरे ही भावों को आपने अपने शब्द दे दिए है इसलिए इतना दिल में उतर gaya

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